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विभिन्न इस्लामी विषयों पर लेख।

Kitaab At Tawheed Chapters

Chapter NumberName of Chapter (Arabic)Name of Chapter (English)Download LinkIntroفَضْلُ اَلتَّوْحِيدِAt- Tawheed (The Oneness of Allah)Kitab_At_Ta…

Kitaab At Tawheed Chapters

Chapter NumberName of Chapter (Arabic)Name of Chapter (English)Download LinkIntroفَضْلُ اَلتَّوْحِيدِAt- Tawheed (The Oneness of Allah)Kitab_At_Ta…

अल्लाह की मदद कब आएगी?

हमने अल्लाह के पैग़म्बर (सल्लल्लाहु अ़लैहि व सल्लम) से हो रहे अत्याचार की शिकायत की जब वह काबा के साय में अपनी चादर पे बैठे थे। हमने उनसे कहा “क्या…

रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नह का पालन

और वह लोगों से अनुरोध करते की वह रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) और उनके साथियों (सहाबा) की पैरवीह करें क्योंकि अल्लाह ने फ़रमाया: وَأَنَّ هٰذا …

सुन्नाह क़ुर्आन की ज़ोड़ीदार है।

संक्षेप में सुन्नाह का मतलब है – वो सब जो नबी (सल्लल्लाहु अ़लैहि व सल्लम) से संबंधित है जैसे उनके बयान, कार्य और निहित (ख़ामोश रहते हुए दी गई) …

तीन चीज़ें जो मृत के साथ जाती हैं (क़ब्र तक)

अनस इब्न मालिक से रिवायत है की नबी (सल्लल्लाहु अ़लैहि व सल्लम) ने कहा “तीन चीज़ें मृत के साथ जाती हैं (क़ब्र तक): उसके रिश्तेदार, उसकी संपत्ति …

अल-ईमान

ईमान बयान और अमल है [जो दिल में विश्वास के साथ और ज़बान से बोला जाता है और (जीस पर) शरीर के अंगों द्वारा (सही) तरीक़े से कार्य किय जाता है।] अमल और…

हज्ज और तौहीद

नबी (सल्लल्लाहु अ़लैहि व सल्लम) ने कहा: “(तुम) अपने हज्ज के संस्कार मुझसे (सीख) लो।” हज्ज एक इबादत (उपासना) है जो केवल अल्लाह को समर्पित करनी चा…

रोज़े (उपवास) की अनिवार्यता की बुद्धिमत्ता

‌रोज़े (उपवास) के अनिवार्य होने की बुद्धिमत्ता यह है कि वह सर्वोच्च (अल्लाह) की एक इबादत (उपासना) है जिसके द्वारा भक्त अपनी मनभावन चीज़ो जैसे खाना …

ईमान वालों के बीच शिर्क कैसे फैला?

ईमान वालों के बीच शिर्क कैसे फैला, बाद इसके के वो तौहीद (सिर्फ़ एक ही ईश्वर की पूजा करने) वाले लोग थे। अल्लाह का बयान नूह अलैहि सलाम की क़ौम के …

रमज़ान के रोजों के बारे में कुछ महत्त्वपूर्ण सवाल

रोज़ा रखने की नियत किस समय करें? हफ़्सा रज़ियल्लाहू अन्हा कहती हैं: रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहाः “जिसने भी रोज़ा रखने की नीयत रात (फ…

अल्-क़द्र का क्या अर्थ है?

अल्-अल्लामा मुहम्मद इब्न सालेह़ अल्-उथ़्यमिन – रहीमाहुल्लाह ने कहा: अल्लाह का बयान है:  فِي لَيۡلَةِ ٱلۡقَدۡرِ [سورة القدر: ١] ‘लैलतुल क़द्र…

शव्वाल के महीने के छह (६) रोज़े

रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहा: जिस किसी (व्यक्ति) ने रमज़ान के रोज़े रखेन के बाद शव्वाल के महीने मे छह (६) रोज़े रखे, तो वह ऐसा है मान…

शव्वाल के छह (६) रोज़े और अय्याम बीज़ (सफेद दिनो) के रोज़े

शेख़ बिन बाज (अल्लाह उन पर रहम करे) ने अय्याम बीज़ (सफेद दिनो) का अर्थ समझाया: “वे (हर इस्लामी महीने के) १३ वें, १४ वें, और १५ वें दिन हैं। य…

बच्चों को तौह़ीद सिखाना

इमाम शम्सुद्दीन मुह़म्मद बिन अह़्मद बिन उस्मान अध्-ध़्हबी (मृत्यु: ७४८ हिजरी के बाद) (अल्लाह उन पर रहम करे) ने कहा: ‘यह माता-पिता पर लागू है कि …

ज़ुल-ह़िज्जा के पहले दस (१०) दिन: ज़िक्र (अल्लाह का स्मरण)

ज़ुल-ह़िज्जा के पहले दस दिन बहुतायत से अल्लाह का ज़िक्र (अल्लाह की महिमा का वर्णन करना और उसे याद करना) करने के दिन हैं। अल्लाह ने फरमाया: وَيَذ…

ज़ुल-हिज्जा के दस (१०) दिनों की श्रेष्ठता

अल्लाह ने ज़ुल-हिज्जा [इस्लामी पंचांग का बारहवां (१२) और अंतिम महीना] के दस दिनों की कसम खाई – और अल्लाह (सर्वोच्च महान) किसी चीज़ की कसम नहीं खाता…

ज़कात अल्-फ़ीत्र के सात (७) आसान मुद्दे

बुलुग़ अल्-मराम की व्याख्या – शेख़ सालेह़ अल्-फ़व्जान द्वारा १ – ज़कात अल्-फ़ीत्र हर मुसलमान पर अनिवार्य (वाजिब) है चाहे वह बड़ा हो, बूढ़ा हो, मर्…

ई़द के संबंध में दस बातें

بِسۡمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ عَنْ عَائِشَةَ رَضِيَ اللَّهُ عَنْهَا: قال رَسُولَ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ “إِنَّ لِكُ…

सूरह फातिहा

सूरह फातिहा के संक्षिप्त विषय यह सूरह मक्की है, इसमें सात आयते है। यह सूरह आरंभिक युग मे मक्का मे उतरी है, जो कुरान की भूमिका के समान है। इसी…

Kitaab At Tawheed Chapters

Chapter NumberName of Chapter (Arabic)Name of Chapter (English)Download LinkIntroفَضْلُ اَلتَّوْحِيدِAt- Tawheed (The Oneness of Allah)Kitab_At_Ta…

अल्लाह की मदद कब आएगी?

हमने अल्लाह के पैग़म्बर (सल्लल्लाहु अ़लैहि व सल्लम) से हो रहे अत्याचार की शिकायत की जब वह काबा के साय में अपनी चादर पे बैठे थे। हमने उनसे कहा “क्या…

रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नह का पालन

और वह लोगों से अनुरोध करते की वह रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) और उनके साथियों (सहाबा) की पैरवीह करें क्योंकि अल्लाह ने फ़रमाया: وَأَنَّ هٰذا …

सुन्नाह क़ुर्आन की ज़ोड़ीदार है।

संक्षेप में सुन्नाह का मतलब है – वो सब जो नबी (सल्लल्लाहु अ़लैहि व सल्लम) से संबंधित है जैसे उनके बयान, कार्य और निहित (ख़ामोश रहते हुए दी गई) …

तीन चीज़ें जो मृत के साथ जाती हैं (क़ब्र तक)

अनस इब्न मालिक से रिवायत है की नबी (सल्लल्लाहु अ़लैहि व सल्लम) ने कहा “तीन चीज़ें मृत के साथ जाती हैं (क़ब्र तक): उसके रिश्तेदार, उसकी संपत्ति …

अल-ईमान

ईमान बयान और अमल है [जो दिल में विश्वास के साथ और ज़बान से बोला जाता है और (जीस पर) शरीर के अंगों द्वारा (सही) तरीक़े से कार्य किय जाता है।] अमल और…

हज्ज और तौहीद

नबी (सल्लल्लाहु अ़लैहि व सल्लम) ने कहा: “(तुम) अपने हज्ज के संस्कार मुझसे (सीख) लो।” हज्ज एक इबादत (उपासना) है जो केवल अल्लाह को समर्पित करनी चा…

रोज़े (उपवास) की अनिवार्यता की बुद्धिमत्ता

‌रोज़े (उपवास) के अनिवार्य होने की बुद्धिमत्ता यह है कि वह सर्वोच्च (अल्लाह) की एक इबादत (उपासना) है जिसके द्वारा भक्त अपनी मनभावन चीज़ो जैसे खाना …

ईमान वालों के बीच शिर्क कैसे फैला?

ईमान वालों के बीच शिर्क कैसे फैला, बाद इसके के वो तौहीद (सिर्फ़ एक ही ईश्वर की पूजा करने) वाले लोग थे। अल्लाह का बयान नूह अलैहि सलाम की क़ौम के …

रमज़ान के रोजों के बारे में कुछ महत्त्वपूर्ण सवाल

रोज़ा रखने की नियत किस समय करें? हफ़्सा रज़ियल्लाहू अन्हा कहती हैं: रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहाः “जिसने भी रोज़ा रखने की नीयत रात (फ…

अल्-क़द्र का क्या अर्थ है?

अल्-अल्लामा मुहम्मद इब्न सालेह़ अल्-उथ़्यमिन – रहीमाहुल्लाह ने कहा: अल्लाह का बयान है:  فِي لَيۡلَةِ ٱلۡقَدۡرِ [سورة القدر: ١] ‘लैलतुल क़द्र…

शव्वाल के महीने के छह (६) रोज़े

रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहा: जिस किसी (व्यक्ति) ने रमज़ान के रोज़े रखेन के बाद शव्वाल के महीने मे छह (६) रोज़े रखे, तो वह ऐसा है मान…

शव्वाल के छह (६) रोज़े और अय्याम बीज़ (सफेद दिनो) के रोज़े

शेख़ बिन बाज (अल्लाह उन पर रहम करे) ने अय्याम बीज़ (सफेद दिनो) का अर्थ समझाया: “वे (हर इस्लामी महीने के) १३ वें, १४ वें, और १५ वें दिन हैं। य…

बच्चों को तौह़ीद सिखाना

इमाम शम्सुद्दीन मुह़म्मद बिन अह़्मद बिन उस्मान अध्-ध़्हबी (मृत्यु: ७४८ हिजरी के बाद) (अल्लाह उन पर रहम करे) ने कहा: ‘यह माता-पिता पर लागू है कि …

ज़ुल-ह़िज्जा के पहले दस (१०) दिन: ज़िक्र (अल्लाह का स्मरण)

ज़ुल-ह़िज्जा के पहले दस दिन बहुतायत से अल्लाह का ज़िक्र (अल्लाह की महिमा का वर्णन करना और उसे याद करना) करने के दिन हैं। अल्लाह ने फरमाया: وَيَذ…

ज़ुल-हिज्जा के दस (१०) दिनों की श्रेष्ठता

अल्लाह ने ज़ुल-हिज्जा [इस्लामी पंचांग का बारहवां (१२) और अंतिम महीना] के दस दिनों की कसम खाई – और अल्लाह (सर्वोच्च महान) किसी चीज़ की कसम नहीं खाता…

ज़कात अल्-फ़ीत्र के सात (७) आसान मुद्दे

बुलुग़ अल्-मराम की व्याख्या – शेख़ सालेह़ अल्-फ़व्जान द्वारा १ – ज़कात अल्-फ़ीत्र हर मुसलमान पर अनिवार्य (वाजिब) है चाहे वह बड़ा हो, बूढ़ा हो, मर्…

ई़द के संबंध में दस बातें

بِسۡمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ عَنْ عَائِشَةَ رَضِيَ اللَّهُ عَنْهَا: قال رَسُولَ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ “إِنَّ لِكُ…

सूरह फातिहा

सूरह फातिहा के संक्षिप्त विषय यह सूरह मक्की है, इसमें सात आयते है। यह सूरह आरंभिक युग मे मक्का मे उतरी है, जो कुरान की भूमिका के समान है। इसी…