अल्-अल्लामा मुहम्मद इब्न सालेह़ अल्-उथ़्यमिन – रहीमाहुल्लाह ने कहा:
अल्लाह का बयान है:
فِي لَيۡلَةِ ٱلۡقَدۡرِ
[سورة القدر: ١]
‘लैलतुल क़द्र’ (सम्मानित रात्रि) में
[क़ुर्आन – ९८:१ ]
अल्-क़द्र का मतलब सम्मान और श्रेष्ठता है, क्योंकि इस रात में बहुत सम्मान और श्रेष्ठता है। अल्-क़द्र का मतलब निर्णय भी है, क्योंकि इस रात में अल्लाह निर्णय (फैसला) करता है कि वर्ष के दौरान क्या होगा, जैसे कि जन्म, मृत्यु, अन्न (रोजी-रोटी) की नियुक्ति, और इत्यादि कार्य,
यथा अल्लाह का फरमान है:
إِنَّآ أَنزَلۡنَٰهُ فِي لَيۡلَةٖ مُّبَٰرَكَةٍۚ إِنَّا كُنَّا مُنذِرِينَ
فِيهَا يُفۡرَقُ كُلُّ أَمۡرٍ حَكِيمٍ
[سورة الدخان: ٣-٤]
हमने ही उतारा है इसे [[शुभ रात्रि से अभिप्राय “लैलतुल क़द्र” है। यह रमज़ान के महीने के अन्तिम दशक की एक विषम रात्रि होती है। यहाँ आगे बताया जा रहा है कि इसी रात्रि में पूरे वर्ष होने वाले विषय का निर्णय किया जाता है। इस शुभ रात की विशेषता तथा प्रधानता के लिये सूरह क़द्र देखिये। इसी शुभ रात्रि में नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) पर क़ुर्आन उतरने का आरंभ हुआ। फिर २३ वर्षों तक आवश्यक्तानुसार विभिन्न समय में उतरता रहा। (देखियेः सूरह बक़रह, आयत संख्याः १८५)]] एक शुभ रात्रि में। वास्तव में, हम सावधान करने वाले हैं।
उसी (रात्रि) में निर्णय किया जाता है, प्रत्येक सुदृढ़ कर्म का।
[क़ुर्आन – ४४:३-४ ]
[तफ़सीर खंड अ़म्मा पन्ना: २७४]
अंग्रेज़ी प्रति से: @markazmuaadh
Latest Articles

Shaykh Muhammad Ghalib – December 2023 Visit

Kitaab At Tawheed Chapters
