और वह लोगों से अनुरोध करते की वह रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) और उनके साथियों (सहाबा) की पैरवीह करें क्योंकि अल्लाह ने फ़रमाया:
وَأَنَّ هٰذا صِراطي مُستَقيمًا فَاتَّبِعوهُ ۖ وَلا تَتَّبِعُوا السُّبُلَ فَتَفَرَّقَ بِكُم عَن سَبيلِهِ ۚ ذٰلِكُم وَصّاكُم بِهِ لَعَلَّكُم تَتَّقونَ
[سُورَةِ ٱلْأَنْعَام : ١٥٣]
तथा (उसने बताया कि) ये (इस्लाम ही) अल्लाह की सीधी राह [[रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने एक लकीर बनाई, और कहाः यह अल्लाह की राह है। फिर दायें-बायें कई लकीरें खीचीं और कहाः इन पर शैतान है जो इन की ओर बुलाता है और यही आयत पढ़ी। (मुस्नद अह़मदः४३१)]] है। अतः इसीपर चलो और दूसरी राहों पर न चलो, अन्यथा वह तुम्हें उसकी राह से दूर करके तित्तर-बित्तर कर देंगे। यही है, जिसका आदेश उसने तुम्हें दिया है, ताकि तुम उसके आज्ञाकारी रहो। [क़ुर्आन ६:१५३]
और यही हर मुसलमान की मुक्ति का ज़रिया है: सब मामलों मे सहाबा के तरीक़े के अनुसार सुन्नह पर मज़बूती से पकड बनाऐ रखें। क़ुर्आन और सुन्नह से कई सबूत इसका सहयोग करते हैं और इसको आवश्यक साबित करते हैं।
और उनमें से कुछ हैं:
अबू नाजिह अल-इरबाद इब्न सारियाह (अल्लाह उन से राज़ी हो) से रिवायत है: अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने एक ख़ुतबाह (उपदेश) दिया जिससे हमारे दिल डर से और आँखें आँसू से भर गयीं। हमने कहा ए अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ऐसा लगता है की जैसे यह आपका आख़री ख़ुतबाह है, तो हमें सलाह दें। उन्होंने कहा “मैं तुम्हें सलाह देता हूँ की अल्लाह से डरो और पूरी तरह आज्ञाकारी रहो भले ही कोई ग़ुलाम तुम्हारा सरदार क्यों ना बन जाये”।
यक़ीनन, जो भी तुमहारे में से लंबी उम्र पाएगा वो काफ़ी विवाद देखेगा, ऐसे में तुम मेरी और मेरे खुलफा राशिदून की सुन्नह पर साबित रहना। उसको दाढ़ के दातों से (दृढ़तापूर्वक) जकड़ें रहना। नयी मनगढ़त धार्मिक चीज़ों से आगाह रहना, क्योंकि हर नयी मनगढ़त धार्मिक चीज़ बिद्त है और हर बिद्त गुमराही है, और हर गुमराही जहन्नुम में ले जाएगी।
(स्रोत: अबु दावूद और अत-तिरमिज़ी, जिन्होंने यह हदीस को हसन सहीह कहा)
रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने कहा: “जिसने मेरी सुन्नह से मूँह फेरा वो मुझ में से नहीं”।
(स्रोत: सहीह अल-बुख़ारी और सहीह मुस्लिम)
अबू हुरैरा (अल्लाह उन से राज़ी हो) ने कहा कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने कहा “मेरी सारी उम्मत स्वर्ग में जाएगी सिवाय उसके जो इनकार करे”। तो कहा गया “इनकार कौन करेगा ?” उन्होंने जवाब दिया “जिसने मेरी आज्ञा का पालन किया वो स्वर्ग में जाएगा और जिसने पालन नहीं किया तो उसने इनकार किया”
(सहीह अल-बुख़ारी)
(स्रोत: हदीस के इमाम – अबु अब्दुल्लाह मुहम्मद इब्न इसमाइल अल-बुख़ारी का अक़ीदाह)
Latest Articles

Shaykh Muhammad Ghalib – December 2023 Visit

Kitaab At Tawheed Chapters
