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Worship

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नबी (सल्लल्लाहु अ़लैहि व सल्लम) ने कहा: “(तुम) अपने हज्ज के संस्कार मुझसे (सीख) लो।” हज्ज एक इबादत (उपासना) है जो केवल अल्लाह को समर्पित करनी चा…
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रोज़ा रखने की नियत किस समय करें? हफ़्सा रज़ियल्लाहू अन्हा कहती हैं: रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहाः “जिसने भी रोज़ा रखने की नीयत रात (फ…
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अल्-अल्लामा मुहम्मद इब्न सालेह़ अल्-उथ़्यमिन – रहीमाहुल्लाह ने कहा: अल्लाह का बयान है:  فِي لَيۡلَةِ ٱلۡقَدۡرِ [سورة القدر: ١] ‘लैलतुल क़द्र…
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रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहा: जिस किसी (व्यक्ति) ने रमज़ान के रोज़े रखेन के बाद शव्वाल के महीने मे छह (६) रोज़े रखे, तो वह ऐसा है मान…
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शेख़ बिन बाज (अल्लाह उन पर रहम करे) ने अय्याम बीज़ (सफेद दिनो) का अर्थ समझाया: “वे (हर इस्लामी महीने के) १३ वें, १४ वें, और १५ वें दिन हैं। य…
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इमाम शम्सुद्दीन मुह़म्मद बिन अह़्मद बिन उस्मान अध्-ध़्हबी (मृत्यु: ७४८ हिजरी के बाद) (अल्लाह उन पर रहम करे) ने कहा: ‘यह माता-पिता पर लागू है कि …